यूपी पंचायत चुनाव : 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच हो सकते हैं ग्राम प्रधान इलेक्शन, जानें कहां तक पहुंची तैयारी
यूपी में पांच साल पहले गांवों में चुनी गई सरकार का कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म हो चुका है। पंचायत चुनाव के लिए अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव के लिए व्यवस्थाओं के संबंध में प्रभारियों की नियुक्तियां कर दी गईं हैं।
इस बार क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच चुनाव के संबंध में संभावित कार्यक्रम देने पर विचार कर रहा है। इसके बाद आयोग अपने हिसाब से पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा। राज्य सरकार की मंशा 31 मार्च तक चुनाव कराते हुए पंचायतों का गठन कराने की है, जिससे अप्रैल में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं पर किसी तरह का कोई असर न पड़े। नगरीय सीमा का विस्तार होने से ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायतें कम हुई हैं। इनके पुनर्गठन के लिए परिसीमन का काम शुरू कराते हुए 15 जनवरी तक पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ ही जनवरी में ही आरक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। आरक्षण का फार्मूला क्या होगा ? इस पर मंथन चल रहा है। आयोग ने 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हरहाल में तैयार करने को कहा है।
एडीजी प्रयागराज जोन प्रेमप्रकाश ने मातहतों को निर्देश दिए कि जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं। पेशबंदी को लेकर विवाद उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस पर नजर रखने के लिए गांवों में सूचनातंत्र को मजबूत रखें। इलाके हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाए। इनामी अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाएं। अवैध तरीके से बिक रहे शराब व गांजे पर रोक लगाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाही करने वाले जिम्मेदारों को पुलिस लाइन में संबद्ध किया जाए। वहीं आईजी जोन लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में पुलिस के अधिकारियों के साथ कानून और व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। यहां उन्होंने अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने, महिला अपराधों पर सख्ती से निपटने को लेकर समीक्षा की। आईजी ने यहां पर पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के दिशा निर्देश भी जारी किए। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर भी मदद अफसरों से कहा कि गांव-गांव नेटवर्क तैयार करें। पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियों के विषय में आईजी ने बताया कि पुलिस के अधिकारियों को गांव-गांव में आमद बढ़ाने लोगों से संवाद स्थापित करने के साथ ही गांव में नेटवर्क विकसित करने के लिए भी कहा गया है। जिससे पंचायत चुनावों पर पूरा खाका तैयार किया जाए। शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्राथमिकता है।
Source Hindustan E Paper